क्या कहती हैं हाथ की रेखाएं (Kyā Kahatī Haiṃ Hātha Kī Rekhāeṃ)

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By भारती आनंद (Bhāratī Anaṃda)

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'हाथों की चन्द लकीरों का, सब खेल है बस तकदीरों का । यूं तो हाथ की लकीरें बस कुछ सीधी, कुछ आड़ी-तिरछी लकीरें ही हैं पर एक हस्तरेखा विशेषज्ञ ही यह जान सकता है कि हाथ की लकीरें अपने में भूत, भविष्य व वर्तमान के क्या-क्या राज छिपाए हुए हैं। लेकिन हाथ की इन लकीरों का रहस्य जान लेना इतना आसान नहीं है इसके लिए ज़रूरत पड़ती है लगन, परिश्रम व सही मार्गदर्शन की। यह पुस्तक आपको एक सही मार्गदर्शक के रूप में हाथ और उसकी विभिन्न रेखाओं, आकार-प्रकार, उन पर मौजुद विभिन्न ग्रहों के स्थानों अर्थात पर्वतों और उनके विभिन्न फलादेशों से परिचित कराएगी, और वह भी ऐसी भाषा में, जो सरल, सहज व आम आदमी को आसानी से समझ आ सके। इस पुस्तक में हस्तरेखाओं से जुड़ी परम्परागत जानकारी ही नहीं दी गई है बल्कि, ऐसा विषय भी शामिल किया गया हैं। जिनसे संबंधित परिस्थितियों का सामना हमें जिंदगी में करना पड़ता है मसलन-अपराधी क्यूं बनते हैं या कौन सी रेखाएं होने पर उनमें यह प्रवृत्ति आ जाती है। समान्य महिला के हाथों का वर्णन आदि।। इस पुस्तक का अध्ययन करके न केवल इस विषय में पहले से ही रुचि रखने वाले भी अपना ज्ञानवर्धन कर सकते हैं, बल्कि साधारण पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी हस्तरेखा-विशेषज्ञ बन सकता है। ऐसी आशा की जाती है।
क्या कहती हैं हाथ की रेखाएं (Kyā Kahatī Haiṃ Hātha Kī Rekhāeṃ)