Jiwan Ka Sacha Rah

ebook

By राम सुचित साह

cover image of Jiwan Ka Sacha Rah

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...

प्रस्तुत पुस्तक गद्य और पद्य दोनों का सम्मिश्रण है। समय और परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अनुभव के आधार पर शीर्षक बनाए गए हैं। शीर्षकों की व्याख्या, सत्य और असत्य दोनों को स्पष्ट करते हुए, असत्य को छोड़कर सत्य में शामिल होने के लिए प्रेरित होती है क्योंकि सत्य के साथ ईश्वर और उनका आशीर्वाद निहित है जहां वास्तविक सुख, शांति और आनंद रहता है। असत्य के साथ-साथ मन, भ्रम और अज्ञान का गहरा अंधकार है, जहां दु:ख, चिंता, परेशानी, डगमगाता और दुख है। उपाधियों की व्याख्या के शब्द अनुभव के हैं, जिनमें सरलता, सच्चाई और स्पष्टता परिलक्षित होती है। पूरी पुस्तक में संतों के शब्दों से शब्दों का सत्यापन किया गया है, जिसने पुस्तक को रोचक और आकर्षक बनाने में एक लंबा रास्ता तय किया है।

Jiwan Ka Sacha Rah