बैंक प्रबन्धन के नैतिक आयाम (Bainka Prabandhana ke Naitika Ayama)

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By चन्द्रशेखर व्यास (Candrasekharavyasa)

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इस पुस्तक में व्यापार नीतिशास्त्र की मान्य अवधारणाओं, सिद्धान्तों और संस्थाओं की पृष्ठभूमि में बैंकिंग उद्योग और बैंकर के व्यवसाय के नैतिक पहलुओं को उजागर किया गया है। इसमें व्यापारिक निर्णय में नैतिक पहल की उपस्थिति, नीतिशास्त्र के प्रमुख सिद्धान्तों, व्यापार नीतिशास्त्र के मुख्य सरोकार, बैकिंग व्यापार की विशेषताओं के मद्देनजर विशेष नैतिक समस्याओं, भारतीय बैंकिंग में घटती लाभप्रदता के बावजूद सामाजिक दायित्वबोध का औचित्य, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से वंचितों और गरीबों की भलाई के स्वरूप, बैंक घोटालों और धोखाधड़ी के मामलों के निवारण हेतु प्रशिक्षण के महत्व जैसे प्रमुख विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। इस पुस्तक में बैंक प्रबंधन के नैतिक आयामों को सीखने-सिखाने के उद्देश्य से नौ परिशिष्ट भी दिये गये हैं। साथ ही नैतिकता की भावना और इसके महत्व को प्रशिक्षण के तहत समझाने हेतु कुछ उपकरण, अभ्यास, रोल प्ले और उदाहरणों का समावेश भी किया गया है।
बैंक प्रबन्धन के नैतिक आयाम (Bainka Prabandhana ke Naitika Ayama)