Manavta Ka Srijan / मानवता का सृजन
ebook ∣ Kavitaon Ka Ek Sangrah / कविताओं का एक संग्रह
By Amba Datt Paliwal / अम्बा दत्त पालीवाल
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इस संक्षिप्त पुस्तक के माध्यम से मैंने सुधि पाठकों व कविता- प्रेमियों के लिए मेरे अपने जीवन के खट्टे- मीठे अनुभवों पर आधारित चंद कविताएँ लिखने का पहली बार प्रयास किया है।इन कविताओं में उच्च कोटि की विलक्षणता हो, ऐसा दावा मैं नहीं करता, किंतु इन कविताओं के माध्यम से इन्सानी जज़्बातों के आधार पर जीवन में घटित होने वाले अनुभवों को सशक्त ढंग से प्रस्तुत करने की चेष्टा अवश्य की गई है, जिनसे अमूमन हर इन्सान दो- चार होता ही रहता है।
यदि पाठकगण इन कविताओं के माध्यम से जीवन को बेहतर ढंग से समझने और जीने के अवसर प्राप्त करता है तो मैं समझूँगा कि मेरा यह सूक्ष्म प्रयास निर्रथक नहीं रहा।
पुस्तक में किसी भी भूल व कमियों के लिए मैं पूर्ण रूप से उत्तरदायी हूँ। मुझे सुधि पाठकों के सुझाओं व मार्गदर्शन की प्रतीक्षा रहेगी।
इस पुस्तक को मूर्तरूप देने में मुझे अनेक ज्ञान-समृद्ध जनों का सहयोग प्राप्त रहा, जिनके प्रति मैं अपना हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ, विशेष रूप से श्री श्याम पालीवाल जी का और श्रीमती आभा गर्ग जी का जिन्होंने पुस्तक की प्रारम्भिक पांडुलिपि से उस को अंतिम रूप देने में हार्दिक सहयोग किया।