कठिन डगर प्रेम की

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By सुनयना कुमार

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दो शब्द
प्रेम यात्रा
पहली सर्दियों की रात
प्यार दिखाई दिया
मायूसी के मेरे दिन
दर्द से राहत
वापस शांति में

रेडियो स्टेशन में काम करने वाली वो प्यारी सी लड़की लोगों के फ़ोन सुनकर उनको अपने शो के दौरान प्यार के बारे में इतनी बातें बताती थी के सिर्फ उसके कारण ही वो रेडियो चैनल जहां वो काम करती थी नयी ऊंचाइयों को छूने लगी थी।

उस चैनल की लोकप्रियता इतनी बढ़ गयी थी के हज़ारों लोग उस रेडियो जॉकी लड़की से फ़ोन पर बातें करने के लिए बार बार फ़ोन लगाते रहते थे।

लोगों को प्यार बांटते हुए और टूटे हुए दिलों को फिर से अपने दिलों को जोड़ने के नुस्खे देते देते उसको मालूम ही नहीं चला के कब उसको भी प्यार हो गया और फिर कैसे उसका दिल टूट गया।

उसकी अध्यात्म में बहुत गहरी आस्था थी और वो समझती थी के उसको प्यार का वो वरदान भी उसके आराध्य प्रभु से ही मिला था क्योंकि उसने जीवन में कभी किसी का दिल नहीं दुखाया था, पर अपना दिल दुखी होने के बाद उसने कैसे खुद को फिर से अन्धकार से बाहर निकला ये आप इस कहानी को पढ़ने के बाद ही जान पाएंगे।

शुभकामना

सुनयना कुमार

कठिन डगर प्रेम की