पर्यावरण प्रबंधन (Paryāvaraṇa Prabaṃdhana)

ebook

By डॉ. कुमारी ज्योत्सना (Dr. Kumārī Jyotsanā)

cover image of पर्यावरण प्रबंधन (Paryāvaraṇa Prabaṃdhana)

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

Download Libby on the App Store Download Libby on Google Play

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Library Name Distance
Loading...
पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है, 'परि'जो हमारे चारों ओर है 'आवरण'जो हमें चारों ओर से घेरे हुये है। यह हमारे चारों ओर से व्याप्त है और हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी के अंदर सम्पादित होती है, तथा हम मनुष्य अपनी समस्त क्रियाओं से इस पर्यावरण को प्रभावित करते है। इस प्रकार एक जीवधारी और उसके पर्यावरण के बीच अन्योन्याश्रय संबंध भी होता है। पर्यावरण जीवन स्त्रोत है, जो अनादिकाल से पृथ्वी पर मानव एवं संपूर्ण जीव जगत को न केवल प्रश्रय देता रहा है वरन उसे विकसित होने हेतु प्रारंभिक काल से लेकर वर्तमान तक आधार प्रदान कर रहा है। भविष्य भी पर्यावरण पर निर्भर है। विज्ञान की सहायता से मानव प्रकृति पर विजय पाने हेतु अपने प्रयासों मे जितना सफल होता रहा है, पर्यावरण प्रदूषण उसके द्वारा उतना ही बढ़ता जा रहा है। आज हमारा भविष्य असुरक्षित होता जा रहा है राष्ट्र के उपर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। पर्यावरणीय समस्यायें जैसे प्रदूषण, जलवायु परिर्वतन इत्यादि मनुष्य को अपनी जीवन शैली के बारे में पुनर्विचार के लिये प्रेरित कर रही है, उनका पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन की चर्चा हैं। आर्थिक और राजनैतिक हितों के टकराव में पर्यावरण पर कितना ध्यान दिया जा रहा है और मनुष्यता अपने पर्यावरण के प्रति कितनी जागरूक है, यह आज के ज्वलंत प्रश्न हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पर्यावरण का ज्ञान मानवीय सुरक्षा के लिये आवश्यक है। शिक्षार्थियों को प्रकृति तथा पारिस्थितिक ज्ञान सीधी तथा सरल भाषा में समझाया जाना चाहिए। युवा लेखक डॉ. कुमारी ज्योत्सना का प्रयास सराहनीय है। मुझे पूरा विश्वास है। यह पुस्तक एम. बी. ए., बी. बी. ए, बी. ई, बी. एससी विद्यार्थियों के लिये तथा बड़े पैमाने पर आम आदमी के लिये भी उपयोगी सिद्ध होगी।
पर्यावरण प्रबंधन (Paryāvaraṇa Prabaṃdhana)