गृहस्थ जीवन में अध्यात्म (Gṛhastha Jīvana meṃ Adhyātma)
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By डॉ. अक्षयबर सिंह (Dr. Akṣayabara Siṃha)
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अध्यात्म, जीवन जीने की एक कला है जो हमें सुख व शान्ति की राह से मनुष्यत्व के विकास पर ले जाता है।लेखक एक कृषि वैज्ञानिक रहा है।जीवन यात्रा में, गृहस्थ सन्त यशपाल जी महाराज (भाई साहब जी) का सानिध्य रहा।आप आध्यात्म साधना करते हुए 'राजयोग'का व्यवहारिक रुपान्तर 'आनन्दयोग'के रूप में कर रहे थे।साधना की मूलबात थी, दुनियावी काम (स्वधर्म) करते हुए दिनचर्या का खाली समय परमात्मा की याद में लगाने की, जिससे आज के काम और अच्छे हों तथा साथ-साथ इंसान जीवन मुक्त अवस्था की ओर अग्रसर हो। इसके लिए दिन के 24 घन्टे ध्यान की अवस्था में रहने की पद्धति विकसित की। इस पुस्तक में लेखक के स्वयं, गृहस्थ साधकों के अनुभव व महात्मा जी के कथानामृत का संकलन है, जो हर इंसान के लिए ग्राह्य होगा, ऐसा लेखक मानता है।