Adivasi Mahilaom Ke Viruddha Aparadha

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By Aradhana Shukla

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राजीव गाँधी समकालीन अध्ययन पीठ, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्यप्रदेश द्वारा अप्रैल 29-30, 2014 को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय आदिवासी महिलाओं के विरुद्ध अपराध था। इस संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल के आर्थिक सहयोग से संपन्न किया गया था। संगोष्ठी का प्रधान उद्देश्य मध्य भारत के प्रदेशों में निवासरत् अनुसूचित जनजाति संवर्ग की महिलाओं के विरुद्ध हो रहे आधुनिक स्वरूप एवं परंपरागत स्वरूप के अपराधों का विश्लेषण करना था। संगोष्ठी का उद्देश्य यह जानना था कि वे कौन-कौन से कारक हैं जो एक-दूसरे के साथ मिलकर महिलाओं के विरुद्ध अपराध को उत्प्रेरित करते हैं ? अपराध को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर क्या-क्या प्रयास किये गये हैं ? अपराधों का संबंधित महिला तथा उसके परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है ? वे कौन-कौन से कारक हैं जो हस्तक्षेपों एवं प्रयासों के बावजूद भी अपराधों की संख्या में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं? तथा विभिन्न स्तरों पर क्या यह संभव है कि ऐसे उपायों की पहचान की जाए जो विभिन्न बाधाओं की उपस्थिति के बाद भी अपराध को रोक सकें ? इस संगोष्ठी में प्रदेश एवं देश के विभिन्न विद्वानों, अधिकारियों, शोधार्थियों एवं गैर-सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कई आदिवासी महिला शिक्षिकाओं एवं शोधकर्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। हम आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान, भोपाल के तत्कालीन निदेशक डॉ. देवेन्द्र सिंघई एवं उस संस्थान के संबंधित अधिकारियों के प्रति आभार प्रगट करते हैं जिनके सहयोग से न केवल आर्थिक सहायता मिली, बल्कि अन्य प्रकार का सहयोग भी मिला, जिससे संगोष्ठी का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सका।
Adivasi Mahilaom Ke Viruddha Aparadha