Ve Solah Din/वे सोलह दिन

ebook Nehru, Mukarji Aur Samvidhan Ka Pahla Sanshodhan/नेहरु, मुखर्जी और संविधान का पहला संशोधन

By Tripurdaman Singh/त्रिपुरदमन सिंह

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वे सोलह दिन; नेहरू, मुखर्जी और संविधान का पहला संशोधन भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन की दिलचस्प कहानी है। प्रचंड संसदीय बहसों और विरोध के बीच जून 1951 में पहला संविधान संशोधन किया गया। इस संशोधन ने कुछ नागरिक स्वतंत्रताओं और संपत्ति के अधिकारों को सीमित कर दिया और कानूनों की एक विशेष अनुसूची तैयार की, जो न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर थी। यह संशोधन देश के पहले आम चुनाव से ठीक पहले हुआ। कांग्रेस घोषणापत्र में जिन सामाजिक-आर्थिक योजनाओं का उल्लेख था, उन्हें उदार संविधान और स्वतंत्र प्रेस से चुनौतियाँ मिल रही थीं। इसका सामना करने के लिए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कार्यपालिका की सर्वोच्चता को फिर से स्थापित करते हुए संविधानिक नियंत्रण और दवाब का एक ढाँचा खड़ा कर दिया। आखिर संविधान लागू होने के महज़ एक ही साल बाद ऐसी कौन-सी चुनौती देश के सामने आ खड़ी हुई थी? संसदीय बहसों, न्यायिक दस्तावेज़ों और विद्वानों की राय के आधार पर यह पुस्तक नेहरू, आम्बेडकर, पटेल, राजेंद्र प्रसाद और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे दिग्गजों के बारे में हमारी पारंपरिक समझ को एक चुनौती देती है। साथ ही यह पुस्तक, भारतीय संविधान के उदारवादी स्वरूप और उसकी पहली सरकार के अधिनायकवादी आवेगों के बीच की खाई को भी सामने लाती है।
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