Baniyon Ki Vilayat

ebook बनियों की विलायत

By Raja Singh

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आजादी के पूर्व साधारण बोल-चाल की भाषा में विलायत ग्रेट ब्रिटेन को कहा जाता था, जहाँ सब सुख-सुविधा मौजूद है, जैसे कि वह स्वर्ग हो। यह उस स्थान की कहानी है जो उस कस्बे के निवासियों द्वारा बनियों की विलायत कही जाती है। इसी जगह एक संभावनाशील नया शहरी नौजवान अपनी प्रथम नौकरी का प्रारंभ करता है, एक अध्यापक के रूप में, यह जगह उसके मन-मस्तिष्क और भावना के सर्वथा विपरीत है, परन्तु वह यह सोच कर स्वीकार करता है कि यहाँ की कस्बाई जिंदगी में रहकर वह उच्च अध्ययन कर अपनी उच्चतम सरकारी नौकरी की मंजिल प्राप्त कर लेगा। परन्तु कस्बे में वैश्य वर्ग का प्रभुत्व होने के कारण हर सम्बन्ध सर्वदा धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक हानि-लाभ के गणित पर आधारित होते हैं और वहां स्थापित वैश्य वर्ग का ही हित साधन करते हैं। यहाँ तक कि प्रेम सम्बन्ध भी हानि-लाभ की तुला पर आधारित होते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था यहाँ अपने घृणित रूप में मौजूद है और असमानता पूर्ण रूप से बिखरी पड़ी है। इस उपन्यास के पात्र मानवीय हैं, जो किसी भी मानवीय समाज के लिए उनकी उपस्थिति अपेक्षित ही मानी जाएगी। कहानी पूर्ण रूप में कथानायक प्रवेश, मेनका और उर्वशी के इर्द-गिर्द घूमती रहती है।

Baniyon Ki Vilayat