Jai Mata Di - Manav Kalyan Par Meri Pustak / जय माता दी– मानव कल्याण पर मेरी पुस्तक
ebook
By Rajesh D Sanghvi

Sign up to save your library
With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.
Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

Search for a digital library with this title
Title found at these libraries:
Library Name | Distance |
---|---|
Loading... |
राजेश जी की नई किताब– जय माता दी..., माताजी के प्रति समर्पण और मानव कल्याण से जुड़े अपने सभी दावों को पूरा करती है। लेखक ने विचारों में स्पष्टता बनाए रखी है और हमारी दुनिया में आज महामारी का रूप ले चुकीं कई महत्वपूर्ण समस्याओं का बिल्कुल नए दृष्टिकोण से समाधान प्रस्तुत किया है। ये समाधान बहुत व्यावहारिक भी हैं। इनके सबसे अच्छे अध्यायों में से एक अध्याय की शुरुआत एक दिलचस्प प्रश्न का उत्तर खोजने से होती है– क्या हिटलर यीशु मसीह के जैसा बन सकता था, यदि उसे पता होता कि कैसे, तो? इन्होंने अपनी किताब में, हमें दुख क्यों होता है? और जीवन सुधा क्या है?, जैसे प्रश्नों का भी उत्तर दिया है।
किताब में सामाजिक समस्याओं, बेरोजगारी और भारत की गरीबी की समस्याओं की पड़ताल की गई है और सीरिया में जारी युद्ध और ऐसे ही अन्य युद्धों के बीच विश्व में शांति स्थापित करने के तरीकों, हमारी आधुनिक शिक्षा प्रणालियों की असफलता, पर सवाल उठाया गया है। इसमें आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ स्वास्थ्य एवं रोग प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) के बारे में चर्चा की है। हमारी धरती माँ को संकट में डालने वाले पर्यावरण और मानवता के लिए महत्वपूर्ण कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की है।
राजेश ने अपने नवीन समाधानों एवं विचारों को प्रस्तुत किया है। इनका मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण को बढ़ावा देना और मनुष्यों के दुखों को कम या समाप्त करना है। निश्चित रूप से हमारे समाज को अपने विचारों एवं भावनाओं का मूल्यांकन करना होगा। आप सभी को यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए। इसमें मूलभूत समस्याओं का बहुत अच्छा समाधान दिया गया है। इन्हें अपनाए जाने और इनकी मदद से समस्याओं को दूर करने के लिए समाधानों को बहुत ही साधारण शब्दों में प्रस्तुत किया गया है। सच कहें तो, एक प्रेरक पुस्तक जिसमें लागू करने लायक अनेक व्यावहारिक समाधान दिए गए हैं।