Srijan Fir Se

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By Prashant Kumar Mishra

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बेटी ही है जो माता-पिता के दु:ख को समझती है। एक तरफ तो हम नौ दिन तक कन्याओं की बड़े भक्ति भाव से पूजा करते हैं और दूसरी तरफ उसी कन्या की भ्रूण हत्या! मतलब बेटी को पेट में मार दो और प्रायश्चित के लिए कन्या पूजन कर लो? यह हमारा कैसा सुशिक्षित समाज है जहाँ पर एक तरफ तो नारी समाज की पूजा की जाती है और दूसरी तरफ उसी नारी जाति की गर्भ हत्या? यौन शोषण, रेप, बलात्कार, कन्या भ्रूण हत्या एवं तलाक जैसे अपराध सामाजिक अपराध हैं। हमें इन सब का हल भी समाज में रहकर ही निकालना है। अगर हमें बेटियों को बचाना है तो बेटों को भी समझाना होगा कि किसी भी बेटी के साथ वह व्यवहार न करें जो खुद की बहन के प्रति अच्छा न लगे।

उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी के गाँव महोली शमशेरगंज, किशनी...

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