अभिव्यक्ति – ज़िन्दगी के पन्नों से (Abhivyakti – Zindagi ke Pannon se)

ebook कविता संग्रह (Kavita Sangrah)

By वीरेन्द्र कुमार, ओम प्रकाश चड्ढा

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जो निकला हूँ मैं अब घर से,

वापसी का मैं क्यूँ सोचूं,

मुझे अभी और चलना है,

मुकां अभी और बाकी हैं......

किसी भी अनुभूति को अभिव्यक्ति की ओर बढ़ने के लिए शब्दों की आश्रय लेना ही पढ़ता है और ऐसी ही एक कोशिश पाठकों के ह्रदय तक पहुँचने के लिए, कविता संग्रह के रूप में की गई है !

मुझे जिन्दगी में हर वक़्त,

सुबह के ख्वाब आते रहे,

जब कभी आईने में देखा,

उड़ते रंग नजर आते रहे......

ये कविता संग्रह दो पीढ़ियों की रचनाओं का संग्रह है, किन्तु एक बात जो दोनों में साँझा है, वो है कविता के प्रति प्रेम, जो युग युगांतर तक, जब तक सभ्यता है, चलता रहेगा, क्यूँ की भावनाओं की नदियाँ कहाँ रुक पाईं हैं !

"दुनिया की सबसे खूबसूरत चीजें ना ही देखी जा सकती हैं और ना ही छुई, उन्हें बस दिल से महसूस किया जा सकता है ! " – हेलेन केलर

अभिव्यक्ति – ज़िन्दगी के पन्नों से (Abhivyakti – Zindagi ke Pannon se)