इसिस एक अलौकिक नारी

ebook

By Moustafa Gadalla

cover image of इसिस एक अलौकिक नारी

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...

आध्यात्मिक और भौतिक दिव्य नारी तत्व और लगभग बीस प्रकट नारी गुणों की व्याख्या।

इस विस्तारित संस्करण में, दिव्य नारी तत्व की — भौतिक और अध्यात्मिक दोनों रूपों में—' सृष्टि के स्रोत के तौर पर व्याख्या; इसिस और नेफ्थिस की दोहरी नारी प्रकृति; नारी तत्व और पुरुष के तत्व के बीच (एकात्मक) संबंध; इसिस और ओसिरिस का अंकज्योतिष; एक कुंवारी मां के रूप में इसिस की भूमिका; नारी गुणों की अभिव्यक्ति के रूप में बीस देवियों की व्याख्या; समूचे विश्व में इसिस के सिद्धान्त की भूमिका; इसिस ओसिरिस और होरस का रूपक तथा और भी बहुत सारी बातें बताई गईं हैं। यह किताब मस्तिष्क को भरपूर जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ हृदय को भी भावनाओं से ओतप्रोत कर देगी।

दूसरी किताबों के विपरीत, यह किताब मस्तिष्क को भरपूर जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ हृदय को भी भावनाओं से ओतप्रोत कर देगी।

हिन्दी भाषा में अनुदित इस संस्करण में, दिव्य नारी तत्व की —भौतिक और अध्यात्मिक दोनों रूपों में— सृष्टि के स्रोत के तौर पर व्याख्या; नारी तत्व और पुरुष के तत्व के बीच (एकात्मक) संबंध; नारी गुणों की अभिव्यक्ति के रूप में बीस देवियों की व्याख्या; समस्त जगत में इसिस तत्व की भूमिका; तथा और भी बहुत सारी बातें बताई गईं हैं। पुस्तक के इस विस्तारित संस्करण में कुल आठ अध्याय और तीन परिशिष्ट हैं।

अध्याय 1: जगत जननी में इसिस की सृष्टि क्रम में भूमिका, संपूर्ण सृष्टि स्वरूपा, रे और ओसीरिस के साथ उसके संबधों को समेटा गया है।

अध्याय 2: इसिस का द्वैत में दैवीय प्रज्ञा के साथ-साथ सृष्टि चक्र एवं विश्वगर्भा के रूप में इसिस की मूल दोहरी प्रकृति पर प्रकाश डाला गया है।

अध्याय 3: इसिस और ओसीरिस—एक स्फूर्त युगल में जगत की समस्त रचनाओं के उन्नति और उत्पत्ति में इसिस और ओसीरिस की संयुक्त भूमिकाओं को शामिल किया गया है।

अध्याय 4: इसिसः 'ईश्वर' की कुंवारी मां अध्याय इसिस के पुत्र होरस के दैवीय अमलोद्भव, कौमार्य की अवधारणा, दुष्ट शक्तियों के खतरों के कारण —नन्हें संतान के साथ— पलायन और शरण, तथा उस बेटे के जीवन के बलिदान पर प्रकाश डालता है।

अध्याय 5: इसिस और ओसीरिस की अंकविद्या में इसिस और ओसीरिस की संख्याओं 2 और 3 जो सृजन और विकास की प्राथमिक संख्याएं हैं, के बारे में चर्चा की गई है कि किस प्रकार ये दो संख्याएं सभी रूपों और आकारों, संगीत की लय तथा ब्रह्मांड की ताल को उत्पन्न करती हैं।

अध्याय 6: इसिस, गुणों की खान में सोलह देवियों के बारे में बताया गया है—जो सृजित जगत में इसिस के नारी तत्व की अभिव्यक्ति हैं।

अध्याय 7: हर दिल अज़ीज़ मिस्री धर्म के विश्वव्यापी प्रसार पर प्रकाश डालता है, कि किस प्रकार ये विश्वास ईसाई धर्म में ज़िंदा रहे, और किस प्रकार इसिस संबंधी प्राचीन मिस्री पर्वों को ईसाई धर्म में मिस्री कैलेंडर के ठीक उन्हीं तारीखों पर मैरी के नाम से अपनाया गया।

अध्याय 8: मज़बूत मन में इसिस के मानव जाति पर अनंत सशक्त प्रभाव को आनंद ढूंढ़ने वालों और हर मर्ज़ की दवा के नजरिये से देखा गया है।

परिशिष्ट 1: रूपक और मिस्री ब्रह्मांड विज्ञान में चर्चा की गई है कि किस प्रकार बेहतरीन तरीके से गढ़ा गया रूपक जटिल ज्ञान को सबके समझने लायक बनाने का सबसे अच्छा —यदि इकलौता न मानें— तरीका है।

परिशिष्ट 2: मिस्र के ब्रह्मांडीय रूपक—इसिस और ओसीरिस में इसिस और ओसीरिस की मिस्री रूपक कहानी को संक्षिप्त रूप में बताया गया है, जिसमें अलौकिक नारी तत्व, अभिव्यक्तियों और अनुप्रयोगों के रूप में इसिस की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। कहानी टुकड़ो में बताई गई है, जिसमें प्रत्येक खंड के बाद उसका संक्षिप्त आध्यात्मिक मूल्यांकन दिया गया है।

परिशिष्ट 3: मन और आत्मा—आध्यात्मिक प्रतिबिंब में मन (इसिस) और आत्मा (ओसीरिस) के आध्यात्मिक पहलुओं की चर्चा की गई है और बताया गया है कि मनुष्य अपने अंदर मन और आत्मा के एकीकरण को कैसे हासिल कर सकता है।

इसिस एक अलौकिक नारी