ओस की एक बूँद
ebook ∣ Hindi Books: Novels and Poetry, no. 5 · Hindi Books: Novels and Poetry
By Raja Sharma

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उसकी लाश को एक छोटे से सुन्दर लकडी के बक्से में रखा गया था और सभी लोग उस बक्से को बारी बारी से उठाकर एक पंक्ती में बंगलोर शहर के बीचों बीच स्थित कब्रिस्तान की ओर धीरे धीरे जा रहे थे। सभी की आन्खें नम थी।सुन्दर नीली आन्खें, चमकता हुआ भूरा रंग, असाधारण स्वरूप, और निर्बोध हंसी वाली वो छोटी परी हर किसी के मन में वैठ जाती थी।जब वो अपनी मीठी अवाज में बोलती थी तो सब का मन मोह लेती थी। उसके व्यवहार और बातों से ही पता चलता था कि उसके संस्कार उच्च थे।लोग कहते थे कि उसमे उसके विद्वान पिता और माता के गुण मिल कर एक हो गए थे। उसके माता पिता बहुत अच्छे परिवारों से थे।