श्रम के मोती (Shram Ke Moti)
ebook ∣ हिन्दी कविता संग्रह (Collection of Poems in Hindi)
By हिरालाल बिसेन (Hiralal Bisen)
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श्री हीरालाल बिसेन एक ऐसी नवोदित कलम का सिपाही है जो मूलतः मेहनतकश परिवार से आया है । जिसने गरीबी, उसकी पीड़ा, उसका एहसास कड़कती धूप, मूसलाधार बारिश और ठिठुरती ठंड में किया है । जो किसान का बेटा है और किसानी वातावरण में जन्मा, पला, बडा हुआ तथा आगे बढ़ने के लिए उसे पगडंडियों का ही संबल मिला । वातावरण और परिस्थितियों के कड़वे घूंट- पान करना पड़ा । एक भूख, एक जिज्ञासा, एक हठ, एक मस्ती और मन की दृढ़ता के साथ सब प्रतिकूल परिस्थितियों से लोहा लेना पड़ा और अपनी साहित्य सृजन की ललक बुझानी पड़ी । इसी ललक और आकर्षण तथा तड़पन में उसने जो भी देखा, समझा, सुना और अनुभव किया वह पांव की पगडंडियों पर चलते ही कलम के सहारे कागज पर उतारा, जहाँ भावों की उड़ान है, श्रमिक का पसीना है, राष्ट्र की अस्मिता है, प्रणय की ओस है जो परिपक्वता की ओर अग्रसर होने का संकेत करती है । शायद परिस्थितियों के कारण और अहिंदी (मराठी) भाषी होने के कारण अबभी पुख्ता रास्ते पर नहीं पहुँचा हो किंतु प्रयासरत तो है ही । यही मन की दृढ़ता और कार्य के प्रति समर्पण रहा तो निकट भविष्य में इनकी कलम से निकले शब्द श्रमिक के पसीने के समान ही मोती की आब लिये होंगे इसमें कोई संदेह नहीं ।
यहाँ अभी उड़ान या गहराई नापना हमारे लिये योग्य न होगा । आशा है, इनका यह संग्रह नवोदित रचनाकारों को प्रभावित करेगा और उन्हें भी रचना धर्मिता की ओर आकर्षित कर लेखनी उठाने की प्रेरणा देगा ।