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audiobook (Unabridged) ∣ जीत ही लेंगे एक दिन लड़ते-लड़ते: नीलोत्पल मृणाल · Storytel Bolti Kitabein: बोलती किताबें...
By Storytel India
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कोरोना क्राइसिस के समय में यह हमारा दसवाँ पॉडकास्ट है.
महामारी से सबसे ज्यादा हैरान परेशान वो गरीब मजूदर हैं जो शहरों से गांवों की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे मुश्किल वक्त में कुछ लेखक अपने सामाजिक सरोकारों को समझते हुए सामने आ रहे हैं और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं. वे वालेंटियर बन कर उन तक राशन, दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें उन तक पहुंचा रहे हैं. हिन्दी के बेस्ट सेलर राइटर और गीतकार नीलोत्पल मृणाल उनमें से एक हैं.
इन दिनों नीलोत्पल अपने झारखंड स्थित अपने गांव, दुमका में लोगों की मदद कर रहे हैं. वे लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने, गांव में बाहर से आये लोगों को क्वारंटाइन सेंटर भेजने और उन लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. साथ ही सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे है. वो एक वालेंटियर के रूप में अपनी टीम के साथ जमीन पर मुस्तैदी से डटे हुए हैं. इन्होंने इस पॉडकास्ट में अपने काम, चुनौतियों और भविष्य पर इसके पड़ने वाले प्रभाव के बारे में खुलकर और बेहद दिलचस्प ढंग से बात की है.
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