Mere Pitajee Ka Gaon Moudi (मेरे पिताजी का गाँव मोउदी)

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By Prakriti Kundu

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मेरे पिताजी का गाँव : मोउदी की नन्ही लेखिका कुमारी प्रकृति कुंडू की प्रथम कृति है। प्रकृति जैसा नाम वैसा ही उनका काम है। इस कृति में उनके प्रकृति प्रेम की झलक मिलती है। प्रकृति बांग्ला भाषी है लेकिन हिंदी में उनकी इतनी पकड़ है जो बहुत ही सराहनीय है। इस में उनकी छोटी-छोटी कहानियाँ तथा लेखो में उनकी अभिव्यक्ति अभूतपूर्ण है। प्रकृति एक प्रभावशाली लेखिका है। यह उनकी प्रथम कृति को पढ़कर पता चल रहा है। आज के बच्चे जो अपने गाँव से टूट रहे हैं वहाँ प्रकृति ने अपने गाँव की कहानियों से पूरे वातावरण में गाँव की मिट्टी की सुगंध फैला दी है। मैं उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ और इस पुस्तक के लिखने पर उन्हें अनेकानेक शुभकामनाएँ देती हूँ।
-डॉ. कमलेश बजाज

Mere Pitajee Ka Gaon Moudi (मेरे पिताजी का गाँव मोउदी)