
Sign up to save your library
With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.
Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

Search for a digital library with this title
Title found at these libraries:
Library Name | Distance |
---|---|
Loading... |
अजय कुमार 'थंडर' का क्राइम रिपोर्टर और मुसीबतजदा औरतों का मसीहा
कांता सबरवाल- बेहद चालाक और फरेबी औरत। बाकायदा स्टेज तैयार करके कहानी गढ़ली। वह अजय को तो नहीं जानती थी मगर उसके बारे में बहुत कुछ जानती थी। उसका नंबर मालूम करके फोन पर इस ढंग से मदद की गुहार लगाई कि अजय होटल में उसके रूम सुइट में आ पहुंचा...।
मनगढ़ंत कहानी और मंजे हुए अभिनय से अजय को शीशे में उतार उसका भरोसा और हमदर्दी पाने में कामयाब हो गई।
अजय नामुमकिन और खतरनाक नजर आते काम को करने के लिए तैयार हो गया। काम था- उसके रूम सुइट में पड़ी एक आदमी की गर्म लाश को बाहर ले जाकर फेंकना।
अजय ने लाश ले जाकर होटल के बाहर एंबेसडर की डिग्गी में लॉक कर दी... कार ड्राइव करता अजय लाश फेंकने के लिए किसी सही जगह की तलाश में था कि एक शराबी ने पीछे से अपनी फिएट ठोंक दी... तुरंत ब्रेक लगाने के बावजूद एंबेसेडर पेड़ से टकराने से तो बाल बाल बच गई लेकिन फिएट और पेड़ के बीच इस तरह फस गई कि फिएट पीछे किए बगैर हिल भी नहीं सकती थी।
ऊपर से आ पहुंची पुलिस पैट्रोल कार।
एंबेसेडर चोरी की निकली।
अजय को सर्वनाश साफ नजर आ रहा था।
तीनों कारों का काफिला पुलिस स्टेशन पहुंचा।
डिग्गी में बंद लाश सहित एंबेसेडर उसके मालिक को सौंप दी गई। इस बखेडे़ से निपटते अजय को पता चला मक्कार कांता सबरवाल ने बड़ी सफाई से उसे इस झमेले में फंसा दिया था। उसके खुराफाती दिमाग ने बदला लेने का फैसला कर लिया- लाश को दोबारा अपने कब्जे में लेकर वापस उसी औरत के मत्थे मढ़कर रहेगा...!!
(रोचक, रोमांचक एवं तेज रफ्तार उपन्यास)